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सिंघु बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुआ हिंसक झड़प, कई पुलिसकर्मी हुए घायल

 

farmer protest

Bihar local news :-  पिछले कई दिनों से हरियाणा और पंजाब के किसान सिंधु बॉर्डर पर एमएसपी बिल (msp bill) के खिलाफ धरना प्रदर्शन (farmer protest) कर रहे हैं। वहीं पिछले 3 दिनों से कई जगहों पर या प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है। 26 जनवरी के दिन दिल्ली के लाल किला में प्रदर्शन कर रहे हैं किसान ट्रैक्टर लेकर अंदर घुस गए हैं और हिंसा पर उतर गए। हिंसक हुए किसानों ने लाल किला पर फहरा रहे तिरंगा को उतारकर नीचे फेंक दिया और उसके जगह पर अपना झंडा लगा दिया।


जिसके बाद से लगातार देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के इस हरकतों का विरोध हो रहा है। आज शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं किसान का वहां के स्थानीय निवासी सुबह से ही विरोध कर रहे थे। साथ ही वह सभी वापस जाओ के नारे लगा रहे थे। नारेबाजी के बीच शाम को अचानक ही दोनों गुटों के बीच टकराव हो गई। 


दोनों गुटों के लोग एक दूसरे को पीटने लगे एवं पत्थरबाजी करने लगे। इस दौरान वह सभी एक दूसरे पर हमला भी किया। जिसके बाद बीच बचाव के लिए पुलिस को बीच में आना पड़ा। लेकिन बीच-बचाव करने गई पुलिस पर भी लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में वहां के अलीपुर थाने के एसएचओ सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।


मिली जानकारी के अनुसार उपद्रवियों ने स्थानीय एसएचओ प्रदीप पालीवाल के हाथ पर तलवार से वार कर दिया था। जिसके बाद वह घायल हो गए। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस को स्थिति संभालने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा। वहीं पुलिस को बिगड़े हुए हालात को काबू में करने के लिए, प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। हालांकि मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया है अब बॉर्डर पर स्थिति सामान्य हो गई है।


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वहां क्या स्थानीय लोगों ने सुबह में तिरंगा मार्च निकाला था। हालांकि उस वक्त सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। लेकिन कुछ देर बाद वहां पर स्थिति तनावपूर्ण होने लगी।


क्यों शुरू हुआ बवाल

सुबह के समय में करीब 200 के संख्या में स्थानीय लोगों का एक समूह सिंघु बॉर्डर के धरना स्थल पर पहुंचा और वहां धरना पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों के विरोध में नारेबाजी करने लगे। एवं प्रदर्शन कर रहे किसानों से सिंघु बॉर्डर को जल्द खाली करने की मांग करने लगे। वहां पर जुटे स्थानीय लोग 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान करने को लेकर विरोध जता रहे थे। साथ ही स्थानीय लोग वहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के विरोध में धरना खत्म करो, लोगों को काम करने दो और रास्ता खाली करो जैसे नारे लगा रहे थे। इन्हीं नारों के विरोध में धरना पर बैठे लोग उतर आए। जिसके बाद धीरे धीरे स्थिति तनावपूर्ण होती चली गई। तनावपूर्ण स्थिति देखते हुए मौके पर पुलिस दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन फिर भी दोनों गुटों के लोग एक दूसरे पर पथराव करना शुरू कर दिए। जिसके बाद यह नारेबाजी एक हिंसक झड़प में बदल गई।

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